साई अपनी शिरडी में - Lyrics (Sai Bhajan)
___________________
-: Bhajan Lyrics :-
________ __________
साई अपनी शिरडी में
_____________________________________________________________________
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे,
दुनिया के दुःख हरता है अब मेरा दुःख भी हारले।
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे।।
शिरडी नगरी जन्नत बाबा इसको शीश झुकाउ,
तू जो रखदे हाथ मेरे सिर मैं सोना बन जाऊ।
अपने चरणों की सेवा का मौका मुझको देदे,
जी लू तेरी शरण में आकर।
ये तोफा तू देदे,
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे।।
धुनि तुमने जला के साई हम को ये समजाया,
एहंकार क्यों करे रे बंदे ये सब है मोह माया।
हर पल तेरा ध्यान करू मैं वो एहसास तू देदे,
तेरी भक्ति जीवन हो अब ऐसी किस्मत देदे।
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे।।
श्रदा और सबुरी का तुमने पाठ पढ़ाया,
अपनी शिक्षा से तूने ज्ञान का दीप जलाया।
मेरी श्रदा तुम पर हो बस इतनी इजाजत देदे,
बन के राहु तेरा दास सदा मैं वो जीवन तू देदे।
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे।।
दुनिया के दुःख हरता है अब मेरा दुःख भी हारले।
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे।।
शिरडी नगरी जन्नत बाबा इसको शीश झुकाउ,
तू जो रखदे हाथ मेरे सिर मैं सोना बन जाऊ।
अपने चरणों की सेवा का मौका मुझको देदे,
जी लू तेरी शरण में आकर।
ये तोफा तू देदे,
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे।।
धुनि तुमने जला के साई हम को ये समजाया,
एहंकार क्यों करे रे बंदे ये सब है मोह माया।
हर पल तेरा ध्यान करू मैं वो एहसास तू देदे,
तेरी भक्ति जीवन हो अब ऐसी किस्मत देदे।
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे।।
श्रदा और सबुरी का तुमने पाठ पढ़ाया,
अपनी शिक्षा से तूने ज्ञान का दीप जलाया।
मेरी श्रदा तुम पर हो बस इतनी इजाजत देदे,
बन के राहु तेरा दास सदा मैं वो जीवन तू देदे।
साई अपनी शिरडी में इक कोना मुझको देदे।।
_________________________________________________________________
-: Watch Now :-
COMMENTS